Zindagi...Kuch yun bhi
Saturday, 5 November 2016
उम्मीदें
उममीद करना और उममीद पूरी करना, दो अलग अलग बातें है।
हम किसी से उममीद तो लगा लेते हैं , परंतु किसी की उम्मीदों को पूरा करना भूलते चले जाते हैं ।
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